- खलिस्ताँभारत का गौरव गान सुनकर,सबकी लार टपकती हैं,तुम्हें क्या चाहिये भारत माता से?अब खुलकर के बतलाओ भी,भारत के अमर जवानों को,कब तक तुम आँख दिखाओगे,भारत के सोये सिंह जागे तो,यकीनन खलिस्ताँ कहलाओगे।।Continue reading “खलिस्ताँ”
- अफ़सानेवो रुत गयी, वो जामने गए,वो अपने, वो पराये हो गए,वो हमसफ़र, वो बेगाने हो गए,वो काबू से, बेकाबू हो गए।। वो रिश्तों के धागे कच्चे हो गए,वो अपनों के बंधन अफ़सानेContinue reading “अफ़साने”
- अगर-मगरहाँ हैं बहुत झुट्ठे मगर,आप भी दूध के धुले नही,अगर होते दूध के धुले तो,आप गवाही देते नहीं फिरते।। हाँ हैं बहुत कमी मगर,आप भी चाँद की चांदनी नहीं,अगर होते आप परिपूर्णContinue reading “अगर-मगर”

